3 फरवरी जुम्मा को योमे अज़मत कुरआन पूरे जोश वा जज़्बे के साथ मनाएं।
हम दावते मुताला देते हैं कुरआन को नज़रे आतिश करने वाले पहले मुकद्दस किताब को पढ़ें - अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी।
मुंबई (प्रेस रिलीज) स्वीडेन में हुए कुरआन करीम की बेअदबी और नज़रे आतिश पर रज़ा एकेडमी के बानी वा सरब्राह अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी साहब की कयादत में उल्मा वा मशयख का एक बड़ा वफद कुतबे कोकन हुजूर मखदूम माहीमी की बारगाह में हाजरी दिया और योमे अज़मत कुरआन तहरीक की कामयाबी के लिए दुआ हुई
साथ ही वफद ने दूसरे रोज़ शहंशाह समंदर हज़रत हाजी अली रहमतुल्लाह अलेहे की बारगाह में पहुंचा जहां कायदे मिल्लत मुहतरम हज़रत मुहम्मद सईद नूरी साहब के हमराह उल्माए कराम ने शिरकत की दोनों मुकामात पर खिताब करते हुए कायदे मिल्लत अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी साहब ने कहा कि,
कुरआन करीम सिर्फ मुसलमानो के लिए ही नही बल्कि इंसानियत के लिए, सर चश्मा रहमत है यह वह आफाकी किताब है जिस के हर्फ में रौशनी ही रौशनी है। अफसोस कुछ शर पसंद मुकद्दस किताब की बेहुरमति करके खुद अपनी बर्बादी का रास्ता हामवार करते हैं।आपने मजीद कहा कि कुरआन करीम से मुहब्बत ईमान का हिस्सा है, इसीलिए कलामउल्लाह शरीफ की तौहीन हम कतई बर्दाश्त नही कर सकते हैं।
स्वीडेन समेत जिन मुल्कों ने भी इस तरह की शैतानी हरकत की है उन्हे केफरे किरदार तक पहुंचाना उम्मते मुसल्मा की अव्वलीन जिम्मेदारी है।
रजा अकेदेमी के बानी वा आल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उल्मा के नायिब सदर हज़रत नूरी साहब ने कहा कि शहजादा मखदूम सुमनान हज़रत मुईन मियां साहब किबला सदर आल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उल्मा की हिमायत दीगर तमाम मसाजिद वा मदारिस वा तंजीमो के तायीद के साथ 3 फरवरी 2023 जुम्मा को याैमे अजमत कुरआन पर अमन तरीके से मनाने का ऐलान किया गया है जिस का असर मुल्की सतह पर नजर आ रहा है।मजीद आप सभी आशिकाने कुरआन करीम वा साहिबे कुरआन सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम गुजारिश है कि योमे अज़मत कुरआन का हिस्सा बन कर अप नी मुहब्बतो का नज़राना पेश करें दरगाहों पर हाजरी के बाद वफद
अकामती दरसगाह दारुल उलूम हंफिया रिजविया कुलाबा वा सुन्नी दारुल उलूम मुहम्मदिया, मुहम्मद अली रोड मिनारा मस्जिद पहुंचा। पहले वफद सुन्नी दारुल उलूम मुहम्मदिया पहुंचा जहां साहब फहम वा फरासत हज़रत अल्लामा हाफिज सैय्यद अतहर अली साहब किबला वा दीगर असातजा दारूल उलूम से मुलाकात हुई और योमे अजमत कुरआन के हवाले से गुफ्तगू की और उसे कामयाब बनाने की मुखलिसाना गुजारिश की जिस पर नाजिम अली सुन्नी दारुल उलूम मुहम्मदिया, हज़रत अल्लामा हाफिज़ सैय्यद अतहर अली साहब किबला समेत तमाम असातज़ा ने तायीद वा हिमायत की वहा से वफद रवाना हुआ। शोबा हिफ्ज वा कराअत की बेहतरीन दरसगाह दारूल उलूम हंफिया रजविया कुलाबा में। जहां यादगार असलाफ खलीफा ताजुशसरिया हज़रत हाफिज वा कारी अल्हाज अब्दुल कादिर रजवी साहब किबला बानी आदारा हिन्द। वा खलीफा ताजुशसरिया उस्ताद अल्हाफिज हज़रत कारी नियाज़ अहमद रजवी नाजिम दारुल उलूम हंफिया रजविया कलाबा वागैरह ने वफद का इस्तकबाल किया फूरा महल अजमत कुरआन का इनअकाद हुआ।
अदारा हिन्द के तालिब इल्म ने सूरह रहमान की एक रूकू तिलावत की।
यहां भी कायदा मिल्लत अमीर तहरीक अजमत कुरआन हज़रत अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी साहब ने बताया कि स्वी डेन समेत दीगर इस्लाम दुश्मन मुल्क मुसलसल कुरआन करीम वा नबी करीम मुख्तार सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर हमला आवर है मुकद्दस किताब की बेहुरमती की जा रही है आकाए दो जहां सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की पाकीजा और पुरनूर जात पर अंगूसत नुमाइ हो रही है इसके बावजूद हम खामोश तमाशाइ हैं जरूरत है कि हम हर वक्त बेदार रहकर अजमत ए कुरान व नामूसे मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर पहरा देने के लिए मजीद याै मैं अजमत ए कुरान पर ज्यादा से ज्यादा मसाजिद मदारिस घर व खानकाह में तिलावते कुरान ए करीम का एहतमाम किया जाए
मौलाना मोहम्मद अब्बास रिजवी साहब ने याैमै अजमत ए कुरान के हवाले से जामे बयान दिया और अपना मुतालबा दोहराया की अक्वामे मुत्ताहिदा फौरी तौर पर स्वीडन के हवाले से इजलास तलब करे दाएं बाजू की पार्टी पर हमेशा के लिए पाबंदी आयद करे मुस्लिम मुमालिक स्वीडन से फौरन अपना सफारती तालुकात खत्म करके अपने-अपने अपने सफीराें काे वापस बुला ले जिस पर तलबा व असातजा ने नारे तकबीर व रिसालत के साथ अजमत ए क़ुरान जिंदाबाद जिंदाबाद स्वीडन मुर्दाबाद मुर्दाबाद के पुरजोर नारे लगाए इस मौके पर हजरत अल्लामा जफरुद्दीन रजनी ने भी खिताब करते हुए कहा की क़ुरआने करीम हमारी जान है
वफद में हजरत अल्लामा एजाजुल कमर अलीमी बानी दारुल उलूम अहले सुन्नत कादरिया गरीब नवाज कुरेश नगर कुर्ला , इज्जत मा,अब आबिद रजा खान साहब बरेली खादिम उल कुरान अब्दुल रहमान जिआई वगैरा शरीक थे