बच्चों की शादियों पर फुजूल खर्ची नहीं इनकी अच्छी तालीम पर खर्च करो : मुफ़्ती अहमद साहब
मदरसा मिफ्ताहुल उलूम, नीमखेड़ा,कन्नोद ज़िला देवास (म.प्र ) में उलामा का अहम बयान
मुसलमानो! क़ुरआन में सब से पहले रोज़ा नमाज़ हज ज़कात का हुकम नहीं आया,अल्लाह ने अपने नबी पर जो पहली आयत नाज़िल की वो है "इक़रा" जिसका मतलब है पढ़ो, तो सब से पहले पढ़ने का हुकम क़ुरआन में दिया गया, क्योंकि जब तक ये बन्दा पढ़ेगा नहीं तो अपने रब को भी नहीं जानेगा, अपने खालिक राज़ीक और मालिक को भी नहीं पहचानेगा इसलिये अल्लाह ने बन्दे को सबसे पहले पढ़ने का हुकम दिया, और सब से पहले बच्चों की दीनी इस्लामी ईमानी तालीम तरबियत का इतना इंतेज़ाम करदो कि दुनिया उनके ईमान को डगमगा न सकें, उनके इस्लाम को छीन न सकें, अपनी बच्चियों की दीनी ईमानी तरबियत ऐसी करो कि कोई शैतान डाकू उनके ईमान पर डाका डालने में कामियाब न हों, अपने मदरसों की हिफाज़त मदद और बहतर अंदाज़ में उनको चलाओ बढ़ाओ क्योंकि ये मदरसे दीन ए इस्लाम और ईमान की हिफाज़त के क़िले हैं, मदरसों की तालीम हमारी दुनिया और आख़िरत की कामियाबी की ज़मानत है, मस्जिदों के मकातिब और अपने इलाकों के मदारिस की फिकर करो ये मदारिस हुकूमत की भीक पर नहीं चलते और हमारे बुज़ुर्गो ने मदरसों को हुकूमत से दूर रखा ताकि इन में ईमान इस्लाम की रूह बाक़ी रहे, ऐसे बहोत ही प्यारे प्यारे नसीहत भरे ख्यालात मुल्क के मशहूर बेबाक आलिम ए दीन, पत्रकार शोला बयान मुक़र्रिर हज़रत मुफ़्ती मोहम्मद हारून नदवी ने अपने बयान में पेश फरमाया, हज़ारों का मजमा मुफ़्ती हारून को पहली बार अपने इलाके में देखने और सुनने के लिए बेचैन था, जवानों को भी मोबइल की गन्दगी और नशा की तबाही से दूर रहने की बड़ी प्यारे अंदाज़ में नसीहत की.. भोपाल से तशरीफ़ लाये जमीअत उलामा मध्यप्रदेश के अध्यक्ष हज़रत मुफ़्ती अहमद साहब ने भी उम्मत ए मुस्लिमा को मदरसों की अहमियत और बच्चों की तालीम तरबियत पर समझाते हुवे अल्लाह और उसके रसूल का पैगाम सुनाया, हालात को सामने रखते हुवे बच्चों के ईमान व इस्लाम की हिफाज़त की बात कही, ये शानदार इजलास मदरसे के बानी बुज़ुर्ग आलिम हज़रत मौलाना अलाउद्दीन साहब की सादरत में रखा गया था, और मदरसे के मोहतामिम नाज़िम मौलाना नुरुद्दीन और हाफिज़ हनीफ साहब ने सजाया था, ख़ास बात के गांव के जवानों बुज़ुर्गो ने इस प्रोग्राम को कामियाब बनाने में बड़ा अहम किरदार अदा किया, हज़ारों लोगों के खाने का इंतेज़ाम और सारी खिदमत की जिस पर मुफ़्ती हारून नदवी ने बड़ी दुआएं दी और हौसला अफ़ज़ाई भी की, इस शानदार इजलास में मदरसे के जो 10 तलाबा हाफिज़ बने उनका सत्कार सम्मान और उलामा के हाथों उनकी दास्तारबंदी भी की गयी, देवास ज़िले का ये तारीखी और बड़ा कामियाब प्रोग्राम रहा, जिसमे हज़ारों की संख्या में लोगों और ख़ास तौर पर इलाके के उलामा ने शिरकत की...